मध्य प्रदेश की जिला सहकारी बैंक के 111 करोड़ के घोटाले में तीन गिरफ्तार

भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल की जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के तीन तत्कालीन अधिकारियों रमाशंकर विश्वकर्मा, अनिल भार्गव और सुभाष शर्मा को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि इन्होंने नियमों को नजरअंदाज कर निजी बैंक व अधोसंरचना की कंपनियों में 800 करोड़ रुपए का निवेश किया, जिसमें से 111.27 करोड़ रुपए वापस मिलने की बिल्कुल भी संभावना नहीं है।


जानकारी के मुताबिक जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड भोपाल के तत्कालीन प्रबंध संचालक रमाशंकर विश्वकर्मा (सहकारिता विभाग से प्रतिनियुक्ति), शाखा प्रबंधकद्वय अनिल भार्गव व सुभाष शर्मा ने इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) की दो सहयोगी कंपनियों आईएलएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क लिमिटेड और आईएलएफएस एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी सर्विस लिमिटेड में वर्ष 2018 के दौरान 800 करोड़ रुपए निवेश किया था। इसी तरह इन लोगों ने निजी स्मॉल स्केल बैंक में भी 505 करोड़ रुपए का निवेश किया है। ईओडब्ल्यू के मुताबिक बैंक के नियमों में प्रावधान है कि निजी कंपनियों, अधोसंरचना से जुड़ी कंपनियों में बैंक निवेश नहीं किया जा सकता।बताया जाता है कि बैंक के तत्कालीन अधिकारियों से ईओडब्ल्यू ने जांच के दौरान आईएलएंडएफएस की दोनों सहयोगी कंपनियों व निजी बैंक में निवेश की प्रक्रिया के बारे में पूछताछ की तो वे कुछ नहीं बता सके। निजी बैंक में निवेश तो फोन कॉल पर आए ऑफर पर किया गया। हालांकि भोपाल जिला केंद्रीय सहकारी बैंक ने जिस निजी बैंक में निवेश किया है, उससे राशि वापस मिल रही है, लेकिन निवेश नियम के अनुकूल नहीं है। इसलिए ईओडब्ल्यू द्वारा इसमें जांच की जा रही है।